यूजीसी का बड़ा एलान, अब एक साथ दो फुल-टाइम डिग्री कोर्स कर सकेंगे छात्र, जानिए इससे जुड़े सभी नियम

छात्रों को अब दो फुल टाइम डिग्री कोर्स में एक ही समय पर दाखिला लेने की अनुमति होगी। इसका मतलब है कि छात्र अब एक ही यूनिवर्सिटी से या अलग-अलग संस्थानों से दो फुल-टाइम डिग्री कोर्स में एक साथ पढ़ाई कर सकेंगे। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। UGC इस संबंध में जल्द ही गाइडलाइन्स जारी करेगा और शिक्षण सत्र 2022-23 से छात्रों को यह विकल्प मिलने लगेगा। कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में की गयी घोषणा के अनुसार और छात्रों को अलग-अलग स्किल प्राप्त करने देने के लिए यूजीसी नए गाइडलाइन ला रहा है। इसमें, अभ्यर्थी को एक साथ फिजिकल मोड में दो डिग्री कोर्स करने की अनुमति दी जाएगी। इसके तहत, एक ही यूनिवर्सिटी से या अलग-अलग यूनिवर्सिटी से कोर्स किया जा सकता है।’’

कुमार ने आगे कहा कि छात्रों को फिजिकल मोड में और ऑनलाइन तरीके से भी एक साथ दो डिग्री कोर्स करने की अनुमति होगी। यूजीसी लंबे समय से इस तरह की योजना बना रहा था, लेकिन उसे इसके लिए 2020 में मंजूरी मिली थी। कुमार ने कहा कि छात्रों द्वारा एक ही समय पर लिए गए दो कोर्स एक स्तर के होने चाहिए। उदाहरण के लिए छात्र दो ग्रेजुएशन या दो पोस्ट-ग्रेजुएशन (PG) या दो डिप्लोमा कोर्स एक साथ कर सकते हैं।

यूजीसी के गाइडलाइन्स के अनुसार, छात्र तीन तरीके से दो फुल-टाइम डिग्री कोर्स कर सकते हैं। पहला तरीका यह है कि वे फिजिकल मोड में दोनों कोर्स के लिए पढ़ाई कर सकते हैं, बशर्ते दोनों कोर्स का समय एक दूसरे के आड़े नहीं आए। दूसरे तरीके में वे एक कोर्स को फिजिकल मोड में और दूसरा ऑनलाइन तरीके से सकते हैं। इसके अलावा, तीसरा तरीका यह है कि वे एक साथ ऑनलाइन माध्यम से दोनों डिग्री पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर सकते हैं।

कुमार ने यह भी बताया कि किसी भी यूनिवर्सिटी के लिए इन गाइडलाइन्स को अपनाना जरूरी नहीं होगा, लेकिन आयोग को उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा संस्थान छात्रों को दो डिग्री कोर्स में एक साथ पढ़ाई की अनुमति देंगे। उन्होंने कहा कि पहले गाइडलाइन्स संस्थानों को भेजे जाएंगे, जिसके बाद वे अपनी सुविधा के अनुसार इन्हें अपनाने के लिए स्वतंत्र होंगे। छात्रों के एडमिशन और परीक्षाओं के लिए प्रक्रिया व एलिजिबिलिटी संस्थानों द्वारा तय किए जाएंगे। कुमार ने आगे बताया, ‘‘अगर किसी विश्वविद्यालय में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) में बैठना अनिवार्य हुआ तो छात्रों को ऐसा करना होगा। अगर वे अन्य किसी संस्थान में भी एडमिशन चाहते हैं तो उन्हें उस संस्थान की प्रवेश प्रक्रिया का पालन करना होगा।’’