मानव संसाधन विकास मंत्री रमेख पोखरियाल का कहना है कि नई शिक्षा नीति (NEP) का ड्राफ्ट अंतिम चरण में है। देश की शिक्षा को नई दिशा देने के लिए होने वाले महत्वपूर्ण बदलावों के लिए सभी हितधारकों के सुझाव मिल चुके हैं। कमेटी इन पर गहनता से विचार कर रही है। जल्द ही नई शिक्षा नीति को देश के सामने लाया जाएगा। इसके साथ ही देश की उच्च शिक्षा में बहुत बड़े बदलाव लागू होंगे।
रमेश पोखरियाल ने पुणे में एक राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति पर बहुत बड़े स्तर पर शिक्षक, छात्र, शिक्षण संस्थान, स्थानीय समीतियां, सरकारी प्रतिनिधि समेत सभी हितधारकों के सुझाव लिए गए हैं।
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दुनिया में ये अब तक की सबसे बडी सुझाव प्रक्रिया रही है। सभी सुझाव विभाग को मिल चुके हैं। शिक्षा नीति में ये सुझाव बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कमेटी इस पाॅलिसी के ड्राफ्ट को तैयार करने के अंतिम चरण में हैं। जल्द ही इसे देश को सौंप दिया जाएगा।
उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि विदेशी छात्रों के वीजा संबंधी मसलों के लिए केंद्र सरकार एक टास्क फोर्स का गठन करने जा रही है। इसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के अधिकारी भी शामिल होंगे। रमेश पोखरियाल का कहना है कि तीन दशक बाद आने वाली देश की नई शिक्षा नीति एक हजार से ज्यादा यूनिवर्सिटी, 45 हजार डिग्री काॅलेज, 16 लाख स्कूल, 33 करोड़ छात्र और एक करोड़ शिक्षकों को सीधा लाभ पहुंचाएगी।
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