नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री डा़ रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को लोकसभा में स्पष्ट किया कि नई शिक्षा नीति में केन्द्र सरकार की राज्याें पर नियंत्रण की काेई योजना नहीं है और वे अपनी संस्कृति,भौगाेलिक और स्थानीय विषयों पर पाठयक्रम तय करने के लिए स्वतंत्र हैं।
डा़ निशंक ने एक सवाल के उत्तर में कहा “मैं पहले ही कह चुका हूंं कि नई शिक्षा नीति में राज्यों की स्वतंत्रता पर नियंत्रण की केन्द्र सरकार की कोई योजना नहीं है।”
उन्होंने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है और अधिकांश स्कूल राज्य सरकारों के क्षेत्राधिकार में आने के कारण यह संबंधित राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों का दायित्व है कि वे अपने स्कूलों की पाठ्यचर्चा और पाठ्यक्रम के बारें में स्वयं निर्णय करें। इसलिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद(एससीईआरटी) और राज्य शिक्षा बोर्डों ने या तो राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(एनसीईआरटी)के माडल काे अपनाया है या राष्ट्रीय पाठ्यक्रम कार्यढांचा(एनसीएफ)के आधार पर खुद के पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तकों को विकसित किया है ताकि देश के राज्यों की संस्क़ति , भाषायी विविधता और स्थलीय विविधता और विशिष्टताओं को ध्यान में रखा जा सके।
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