नई दिल्ली: आम जनजीवन और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े शोध कार्यो को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी ने स्ट्राइड नाम की एक नई शोध योजना शुरू करने का एलान किया है। इसमें अलग-अलग विषयों और क्षेत्र से जुड़े नए शोध कार्यो को शामिल किया जाएगा। इसके तहत पचास लाख से लेकर पांच करोड़ तक वित्तीय मदद दी जाएगी। यूजीसी की इस पहल को देश में शोध की एक नई संस्कृति को विकसित करने से जोड़कर देखा जा रहा है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मुताबिक इस नई पहल से विश्वविद्यालय सहित दूसरे उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध को काफी मजबूती मिलेगी। इस योजना को आठ जुलाई को लांच किया जा सकता है। इसके बाद शोध से जुड़े प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे।
योजना के तहत मंजूर किए जाने वाले सभी शोध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे। यह देश को आर्थिक मजबूती देने के साथ विकास में मदद देंगे। यूजीसी ने इसे लेकर एक सलाहकार कमेटी का भी गठन किया है, जो यूजीसी के उपाध्यक्ष प्रोफेसर भूषण पटवर्द्धन की अध्यक्षता में काम करेगी। कमेटी इस दौरान आने वाले शोध प्रस्तावों को जांचेगी और अंतिम रूप देगी।
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शोध कार्यो के आधार पर तय होगी वित्तीय मदद
योजना के वित्तीय मदद का निर्धारण शोध कार्यो के स्वरूप पर तय होगा। इसमें सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं के समाधान और विकास को गति देने वाले शोध कार्यो को प्रमुखता से बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत ऐसे शोध कार्यो को पचास लाख से लेकर एक करोड़ तक की वित्तीय मदद दी जाएगी।
योजना के दूसरे चरण में विश्वविद्यालय और कालेजों की नई प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए मदद दी जाएगी। इन्हें एक करोड़ तक की वित्तीय मदद दी जाएगी। योजना का जो तीसरा पहलू होगा, उसके तहत इतिहास, दर्शनशास्त्र, पत्रकारिता सहित जन सामान्य से जुड़े अलग-अलग विषयों में शोध कार्यो को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत पांच करोड़ तक की वित्तीय मदद दी जाएगी।
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