नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने अपने सरकारी स्कूलों के लिए स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) फंड को मंजूरी दे दी है। मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इसके तहत सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य के पास कम से कम 5 लाख रुपये का सालाना फंड दिया जाएगा। अगर किसी स्कूल में 1500 बच्चे हैं तो उस स्कूल की एसएमसी को पांच लाख, 1501 से 2500 बच्चों की संख्या वाले स्कूलों को छह लाख और अगर किसी स्कूल में बच्चों की संख्या 2500 से ऊपर है तो उस स्कूल की एसएमसी को सात लाख रुपये सालाना दिया जाएगा। मालूम हो कि एसएमसी के प्रमुख प्रधानाचार्य होते हैं। इसमें दो शिक्षक, दो सामाजिक कार्यकर्ता और 12 चुने हुए अभिभावक होते हैं।
सिसोदिया ने कहा कि स्कूल के प्रधानाचार्य को सशक्त करने की दिशा में ये एक बहुत बड़ा कदम है। अभी तक प्रधानाचार्य हर छोटी-छोटी जरूरतों के लिए शिक्षा निदेशालय पर निर्भर रहते थे। अब वे बहुत सारे काम खुद करा सकेंगे। प्रधानाचार्य और चुनी हुई एसएमसी अब मिलकर स्कूल चलाएंगे।
उन्होंने बताया कि इस फंड का 50 फीसद पैसा रखरखाव संबंधी कार्यो पर जबकि 50 फीसद एमएमसी द्वारा चयनित कार्य पर खर्च किया जा सकेगा।
सिसोदिया ने ये भी बताया कि दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में 13 अक्टूबर को एसएमसी की बैठक बुलाई जाएगी। इनमें सभी अभिभावकों को भी बुलाया जाएगा। इसमें एसएमसी के गठन के बारे में बताया जाएगा और सभी सदस्यों से परिचय करवाया जाएगा। इसके अलावा सरकार 20 अक्टूबर को अपने सभी सरकारी स्कूलों में मेगा पीटीएम (पैरेंट्स टीचर मीटिंग) भी आयोजित करवाएगी।
Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.