शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 8 अक्तूबर को अपने प्राथमिक स्कूल बगस्याड़ (सराज के प्राथमिक स्कूल बगस्याड़) से ‘अखंड शिक्षा ज्योति मेरे स्कूल से निकले मोती’ कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे। इसके साथ ही समस्त कैबिनेट मंत्री, विधायक व सांसद भी उसी दिन अपने-अपने शैक्षणिक संस्थानों से इस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश व देश में नाम कमा चुकी ऐसी विभूतियों को शिक्षा विभाग उनके शैक्षणिक संस्थानों के साथ जोड़ने की पहल करने जा रहा है। विभाग ने तर्क दिया है कि इन विभूतियों को सरकारी शिक्षण संस्थानों ने तराशा है, अब संस्थान के प्रति उनका भी कोई कत्र्तव्य है, ऐसे में इन विभूतियों को अपने पुराने शिक्षण संस्थान से जुड़कर उसके विकास कार्य में योगदान देना होगा।
कार्यक्रम में पुराने शिक्षकों को भी बुलाने के निर्देश
शिक्षा विभाग ने स्कूलों को इन कार्यक्रमों के आयोजन के निर्देश जारी कर दिए हैं और कार्यक्रमों में इन विभूतियों को तराशने वाले पुराने शिक्षकों को भी बुलाने को कहा है। इसके अलावा विभाग ने स्कूल प्रशासन को अखंड शिक्षा ज्योति मेरे स्कूल से निकले मोती कार्यक्रम के तहत स्कूल के बोर्ड पर पुरानी विभूतियों का नाम अंकित करने के निर्देश दिए हैं।
स्कूलों में नशा निवारण, स्वच्छता व पौधारोपण कार्यक्रम करने के निर्देश
शिक्षा सचिव ने स्कूलों को विभूतियों की उपस्थिति में नशा निवारण, स्वच्छता और पौधारोपण कार्यक्रम करवाने को कहा है। इसमें स्कूलों के मौजूदा शिक्षकों सहित पुराने शिक्षकों व एस.एम.सी. की उपस्थिति भी अनिवार्य रहेगी। स्कूलों को इस दौरान पुराने छात्रों और शिक्षकों के बारे में रोचक तथ्य भी इकट्ठे करने को कहा है। शिक्षा सचिव डा. अरुण का कहना है कि विदेशों में शिक्षण संस्थानों के पुराने छात्र अपने संस्थानों के विकास के लिए करोड़ों का दान देते हैं। इसी तर्ज पर प्रदेश की विभूतियां भी अपने शिक्षण संस्थानों को वित्तीय सहयोग व उनका मार्गदर्शन कर सकती हैं।
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